तब से, डॉ. दि.दे.भवालकर के नेतृत्व में भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र में कार्यक्रम का विस्तार अन्य महत्वपूर्ण लेसरों के विकास को शामिल करने एवं अरैखिक प्रकाशिकी लेसर प्लाज्मा पारस्परिक प्रभाव इत्यादि जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य करने के लिये किया गया ।